सिंदरी /धनबा।बीआईटी सिंदरी के असैनिक अभियंत्रण विभाग द्वारा रिमोट सेंसिंग और ज्योग्राफिक इंफॉर्मेशन सिस्टम का अनुसंधान में उपयोग” विषय पर पांच दिनों की कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा।9 से 13 दिसंबर तक आयोजित कार्यशाला में देश- विदेश के विशेषज्ञ व्याख्यान देंगे।कार्यशाला के बारे में जानकारी देते हुए असैनिक अभियंत्रण के विभागाध्यक्ष सह इस कार्यशाला के संयोजक प्रो (डॉ) जीतू कुजूर ने बताया कि इस कार्यशाला का उद्देश्य प्रतिभागियों को जी आई एस और रिमोट सेंसिंग तकनीकों के उपयोग और उनके अनुप्रयोगों में प्रशिक्षित करना है। इस कार्यशाला के दौरान, रिमोट सेंसिंग और भौगोलिक इमेज सेंसिंग की चुनौतियों के लिए व्यावहारिक और क्रियान्वयन योग्य समाधान,विभिन्न गतिविधियों में संसाधन मूल्यांकन, पर्यावरणीय निगरानी, भूमि उपयोग/भूमि आवरण मानचित्रण आदि के लिए जी आई एस, जी पी एस का उपयोग करते हुए भू-सूचना प्रौद्योगिकियों का अनुप्रयोग, जैसे विषयों पर विद्यार्थियों को सैद्धांतिक के साथ साथ प्रायोगिक जानकारी भी दी जाएगी।इस कार्यशाला में डॉ. नीलांजल पटेल (प्रोफेसर, बीआईटी मेसरा), डॉ. ए. पी. कृष्णा (प्रोफेसर, बीआईटी मेसरा), डॉ. विकास कुमार विद्यार्थी (सहायक प्रोफेसर, एनआईटी रायपुर), डॉ. मिली घोष (एसोसिएट प्रोफेसर, बीआईटी मेसरा), डॉ. रत्नाकर स्वैन (सहायक प्रोफेसर, एनआईटी राउरकेला), डॉ. सत्यप्रसाद साहू (जल संसाधन इंजीनियर, ICARDA, मिस्र), डॉ. बी. डी. यादव (एसोसिएट प्रोफेसर, बीआईटी सिंदरी), डॉ. उदय मंडल (वरिष्ठ वैज्ञानिक, आईसीएआर-आईडब्ल्यूएससी), डॉ. माया राजराजन राय (एसोसिएट प्रोफेसर, बीआईटी सिंदरी), डॉ. मधुमिता साहू (पोस्टडॉक्टरल रिसर्चर, यूनिवर्सिटी ऑफ शेफील्ड, यूके), और डॉ. सुचित्रा प्रधान (वैज्ञानिक, कृषिविज्ञान केंद्र, भुवनेश्वर) जैसे विशेषज्ञ व्याख्यान देंगे।कार्यक्रम के संरक्षक झारखंड टेक्निकल यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ. डी. के. सिंह हैं।
