गुमला: गुमला जिले की सांस्कृतिक धरोहर “मांदर” को भौगोलिक संकेत (Geographical Indication – GI) टैग दिलाने हेतु एक महत्वपूर्ण पहल के अंतर्गत, जिले से 6 सदस्यीय टीम ने आज दिल्ली में आयोजित GI टैग हेतु आयोजित सुनवाई में अपनी सक्रिय उपस्थिति दर्ज की। गुमला की ओर से 6 सदस्यीय टीम में NUSRL राँची से संबद्ध GI विशेषज्ञ डॉ.सत्यदीप सिंह, मुख्यमंत्री लघु एवं कुटीर उद्योग, जिला समन्वयक,श्री सूरज कुमार एवं मांदर कारीगर श्री बलदेव नायक, श्री घनश्याम रामनायक,श्री राम नायक एवं श्री रंजीत घसी शामिल है।दिल्ली में हुए इस कार्यक्रम में टीम ने मांदर से संबंधित सभी दस्तावेज़, ऐतिहासिक प्रमाण, और आवश्यक जानकारी प्रस्तुत की। यह पहल न केवल गुमला बल्कि पूरे झारखंड राज्य की एक खास सांस्कृतिक पहचान और विरासत को संरक्षित करने में मददगार होगी, बल्कि इससे स्थानीय और राज्य के कारीगरों और कलाकारों को भी भविष्य में रोजगार एवं आर्थिक लाभ मिलेगा।मांदर को जीआई टैग प्रदान करने के लिए जूरी की अंतिम स्वीकृति लंबित है। जिला प्रशासन के इस प्रयास से मांदर की सांस्कृतिक विशिष्टता और महत्ता को आधिकारिक दर्जा मिलने की उम्मीद को बल मिला है