सरस्वती पूजा के पावन अवसर पर माँ चंडी बाड़ी सोनार मोहल्ला में मंगलवार क़ो भव्य भंडारे का आयोजन किया गया। इस शुभ अवसर पर लोहरदगा जिला के डीसी डॉ. वाघमारे प्रसाद कृष्ण मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे और विधिवत पूजा-अर्चना के बाद भव्य भंडारे का शुभारंभ किया। इस आयोजन में बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित हुए और भक्तिभाव से माँ सरस्वती की आराधना की। भंडारे में सैकड़ों भक्तों ने प्रसाद ग्रहण किया और इस पावन अवसर पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।मुख्य अतिथि के रूप में पहुंचे लोहरदगा डीसी डॉ. वाघमारे प्रसाद कृष्ण का भव्य स्वागत किया गया। नवाडी पाड़ा सोनार मोहल्ला सरस्वती पूजा समिति के अध्यक्ष गौरव कुमार सोनी, उपाध्यक्ष कृष्ण कुमार सोनी, कोषाध्यक्ष प्रियांशु कुमार सोनी, सचिन हर्षित राय ने संयुक्त रूप से पुष्पगुच्छ एवं शाल भेंट कर उनका अभिनंदन किया। इस अवसर पर डीसी डॉ. वाघमारे प्रसाद कृष्ण ने माँ सरस्वती की स्तुति करते हुए कहा,”माँ सरस्वती केवल विद्या और ज्ञान की देवी ही नहीं, बल्कि हमारी चेतना, संस्कृति और सृजनशीलता का स्रोत भी हैं।
उनकी कृपा से बुद्धि प्रखर होती है, वाणी में माधुर्य आता है और विचारों में शुद्धता बनी रहती है। जो व्यक्ति सच्चे मन से उनकी साधना करता है, वह जीवन के हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त करता है।” उन्होंने आगे कहा,”हमारा समाज शिक्षा और संस्कृति के बल पर ही आगे बढ़ता है। माँ सरस्वती की आराधना हमें अज्ञानता के अंधकार से ज्ञान के प्रकाश की ओर ले जाती है। लोहरदगा जिले के हर गली-मोहल्ले में इस प्रकार की भव्य पूजा होना यह दर्शाता है कि हमारी युवा पीढ़ी अपनी परंपराओं से जुड़ी हुई है। यह न केवल धार्मिक बल्कि सामाजिक समरसता और भाईचारे का भी प्रतीक है।”इस पावन अवसर पर बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक, श्रद्धालु और समिति के सदस्य उपस्थित रहे। कार्यक्रम की सफलता में राकेश सोनी, हर्षित सोनी, बसंत महतो, विवेक सोनी, रविकांत सोनी, निशांत सोनी, निखिल सोनी, शिवम सोनी, अस्मित सोनी, ओम सोनी, विष्णु राय, पियूष सोनी, यश सोनी, आयुष सोनी, शुभम महतो, सुजल ठाकुर, आर्यन सोनी, अनमोल सोनी, पार्थ सोनी समेत अन्य सदस्यों ने महत्वपूर्ण योगदान दिया।भंडारे के आयोजन से समाज में सौहार्द, एकता और धार्मिक आस्था का संदेश गया। इस तरह के आयोजनों से न केवल धार्मिक भावना प्रबल होती है, बल्कि समाज में परस्पर सहयोग और भाईचारे की भावना भी विकसित होती है। लोहरदगा जिले में इस प्रकार के धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजनों से समाज में सकारात्मक संदेश जाता है और आने वाली पीढ़ी को अपनी संस्कृति से जोड़े रखने में मदद मिलती है।