गोड्डा: समाहरणालय सभागार में जिला दंडाधिकारी सह उपायुक्त, गोड्डा श्री जिशान कमर की अध्यक्षता में सिकल सेल एनीमिया निवारण तथा प्रबंधन हेतु गठित जिला स्तरीय उपसमिति की बैठक आहूत की गई।बैठक के दौरान उपायुक्त को सिविल सर्जन द्वारा सिकल सेल एनीमिया के विकारों एवं लक्षणों के बारे में जानकारी दी गई। बताया कि सिकल सेल एनीमिया वंशानुगत विकारों के एक समूह में से एक है। जिसे सिकल सेल रोग के रूप में जाना जाता है। यह लाल रक्त कोशिकाओं के आकार को प्रभावित करता है, जो शरीर के सभी भागों में ऑक्सीजन ले जाते हैं। मुख्य रूप में लाल रक्त कोशिकाएं गोलाकार होती है। लेकिन सिकल सेल में लाल रक्त कोशिकाएं हंसुआ की तरह हो जाती है। इससे पूरे शरीर में ऑक्सीजन की आपूर्ति पर्याप्त रूप से नहीं होती।
इससे मरीज मंदबुद्धि, कमजोर समेत अन्य चीजों से ग्रसित हो जाते हैं।उपायुक्त ने बैठक के दौरान सिकल सेल एनीमिया के निवारण तथा प्रबंधन हेतु आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने एनीमिया निवारण के लिए जागरुकता अभियान चलाने को कहा। उन्होंने सिकल सेल एनीमिया से ग्रस्त बच्चों एवं लोगों की पहचान के लिए स्क्रीनिंग करने का निर्देश दिया ताकि समय पर इसका इलाज किया जा सके। इसके अलावा उपायुक्त ने निर्देश देते हुए सिकल सेल एनीमिया की जांच सुनिश्चित करने के लिए सिविल सर्जन एवं सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को आवश्यक निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि सभी सरकारी अस्पताल और स्वास्थ्य केंद्र में आने वाली गर्भवती महिलाओं को एंटी नेटल चेकअप में सिकल सेल एनीमिया की जांच एवं इसके रोकथाम के लिए समुचित कार्रवाई करें। वहीं इसके लिए सभी जगह पर जांच की सुविधा उपलब्ध कराने के साथ साथ एनीमिया निवारण तथा प्रबंधन के लिए अन्य जरूरी बिंदुओं पर आवश्यक दिशा निर्देश दिया।इस मौके पर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी गण सहित स्वास्थ्य विभाग के कर्मीगण मौजूद थे।