सुदूरवर्ती क्षेत्र के युवाओं पर कूट कूट कर भरा है कला: अघनु करमाली
रामगढ़/गोला। कौन कहता हैं कि सुदूरवर्ती गांव के युवाओं पर कला की कमी होती है। कला तो कूट कूट कर भरी होती हैं लेकिन आवश्यकता है उसे निखारने की। आवश्यकता है मौका और मंच देने की। गोला प्रखंड के सुदूरवर्ती गांव महलीडीह के दिलीप करमाली ने झोलीवुड कलाकार के रूप में अपना करियर बना रहा है। आज गोला प्रखंड के चोकाद पंचायत के ऊपरखखरा स्थित धारा फॉल में डायरेक्टर व कैमरा में अघनु करमाली के निर्देश पर नागपुरी और खोरठा गाना का शूटिंग किया। शूटिंग में झोलीवुड अभिनेता दिलीप करमाली और अभिनेत्री प्रेरणा सिंह ने भूमिका निभाई। तोरा कैसे बुलाईबो गे और रांची के गली गली मिलेला हाड़ी रे को सावित्री विश्वकर्मा मनोज महतो और कुमार दीपक ने स्वर दिया। झोलीवुड़ कलाकार दिलीप करमाली एक गरीब आदिवासी परिवार का बेटा है। जिसका बचपन काफी अभावपूर्ण व संघर्ष में बीता। झोलीवुड़ कलाकार दिलीप करमाली ने कहा कि यह मेरा बचपन से शौक था कि हम एक कलाकार बने। लेकिन परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं रहने के कारण मुझे काफी संघर्ष करना पड़ा। संघर्ष के बल पर आज बचपन की शौक को पूरा किया। इस प्रकार यह सिद्ध होता है कि लहरों से डर कर नौका पार नहीं होता, कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होता। लगातार मेहनत करने के बाद आज सफ़लता प्राप्त हुआ है।